जैन मुनि तरुण सागर का निधन हो गया. उन्होंने 51 साल की उम्र में दिल्ली में आज सुबह आखिरी सांस ली. वे पीलिया की बीमारी से ग्रसित थे. उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुरी से शुरू होगी और अंतिम संस्कार दिल्ली से 25 किलोमीटर दूर तरुणसागरम तीर्थ में दोपहर 3 बजे होगा.
जैनमुनि श्रद्धेय तरुणसागर जी महाराज के देवलोकगमन की जानकारी बेहद दुखद है। देश-दुनिया के मुद्दों पर उनकी बेबाक राय, सन्देश एवं प्रवचन बेहद प्रेरक, प्रभावी एवं अविस्मरणीय हैं, परमेश्वर से प्रार्थना है वे जैन समुदाय सहित सभी श्रद्धालु एवं अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें... बिराम सिंह राजपुरोहित संस्थापक सुगना फाउंडेशन मेघलासिया
कड़वे प्रवचन के लिए विश्व विख्यात राष्ट्रीय संत १०८ मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज का 51 वर्ष की आयु में हुआ देवलोकगमन, सलेखना समाधि धारण करी मुनि जी ने....अन्न,जल का कर दिया था त्याग ,गंभीर बीमारी के तहत....
एक सच्चे,संत की विदाई पर अनंत नमन,बारम्बार प्रणाम
🙏🙏
नमन करता .... एस पी सिंह राजपुरोहित
जैन मुनि श्री तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर थे. उनके प्रवचन इसी नाम से किताब की शक्ल में प्रकाशित भी किए गए हैं.
उनका जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था, उन्होंने 14 साल की उम्र में दीक्षा ली थी.
जैनमुनि श्रद्धेय तरुणसागर जी महाराज के देवलोकगमन की जानकारी बेहद दुखद है। देश-दुनिया के मुद्दों पर उनकी बेबाक राय, सन्देश एवं प्रवचन बेहद प्रेरक, प्रभावी एवं अविस्मरणीय हैं, परमेश्वर से प्रार्थना है वे जैन समुदाय सहित सभी श्रद्धालु एवं अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें... बिराम सिंह राजपुरोहित संस्थापक सुगना फाउंडेशन मेघलासिया
कड़वे प्रवचन के लिए विश्व विख्यात राष्ट्रीय संत १०८ मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज का 51 वर्ष की आयु में हुआ देवलोकगमन, सलेखना समाधि धारण करी मुनि जी ने....अन्न,जल का कर दिया था त्याग ,गंभीर बीमारी के तहत....
एक सच्चे,संत की विदाई पर अनंत नमन,बारम्बार प्रणाम
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नमन करता .... एस पी सिंह राजपुरोहित
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